Chardham Yatra 2024: शुभ मुहूर्त में खुले केदारनाथ धाम के कपाट, आज गंगोत्री-यमुनोत्री के द्वार भी खुलेंगे
Chardham Yatra 2024: तय मुहूर्त के अनुसार विधि-विधान और धार्मिक परंपरा के अनुसार केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग, प्रशासन, बीकेटीसी अधिकारी और हक-हकूधारियों के साथ स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट खोले गए। प्रशासन की मौजूदगी में मुख्य द्वार का ताला खोला गया। इसके बाद गर्भ गृह का द्वार खोला गया। गर्भ गृह में रावल और मुख्य पुजारियों ने पूजा अर्चना की। इसके साथ ही मंदिर में भक्त बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं। पहले दिन कपाट खुलने से लेकर शाम पांच बजे तक भक्त दर्शन कर पाएंगे। इस मौके पर मंदिर को फूलों से सजाया गया है।
#WATCH रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुल गए।
मंदिर के कपाट खुलने के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी गीता धामी के साथ बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए मौजूद रहें। pic.twitter.com/ogPhomCzqm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 10, 2024
समाधि से बाहर आ गए बाबा केदारनाथ
मान्यता है कि बाबा केदारनाथ छह महीने समाधि में रहते हैं। मंदिर के कपाट बंद होने के अंतिम दिन चढ़ावे के बाद सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदारनाथ समाधि से जागते हैं। इसके बाद भक्त दर्शन करते हैं।
शैव लिंगायत विधि से बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना
Chardham Yatra 2024: देश-दुनिया में प्रसद्धि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का इंतजार भक्तों को उत्सुकता से रहता है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बाबा केदारनाथ की विधिवत पूजा की जाती है। हालांकि उत्तर भारत में पूजा का तरीका थोड़ा अलग है, लेकिन बाबा केदारनाथ में पूजा दक्षिण की वीर शैव लिंगायत विधि से होती है। मंदिर के गद्दी पर रावल विराजते हैं, जिन्हें प्रमुख भी कहा जाता है। मंदिर में रावल के शिष्य पूजन करते हैं। रावल यानी पुजारी, जो कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं।
Chardham Yatra 2024: श्रीबद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे
Chardham Yatra 2024: श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुल रहे हैं। श्री बदरीनाथ धाम से संबंधित पांच दशक पहले समाप्त हुई रावल पट्टाभिषेक की ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होने से बदरी-केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों समेत लोगों ने खुशी जताई है। इस साल श्री बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का पट्टाभिषेक किया गया। इससे पहले वर्ष 1977 में रावल टी केशवन नंबूदरी का पट्टाभिषेक हुआ था। इसके बाद यह परंपरा रुक गई थी।