फर्जी होलोग्राम केस : मेरठ कोर्ट ने अनवर ढेबर को 10 दिन के लिए भेजा जेल
Fake hologram case: रायपुर। छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला केस से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को कारोबारी अनवर ढेबर को मेरठ कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पेश कर यूपी पुलिस ने न्यायिक हिरासत मांगी। कोर्ट ने अनवर ढेबर को 1 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया। 1 जुलाई को फिर से मेरठ कोर्ट में अनवर ढेबर को पेश किया जाएगा। तब तक कारोबारी ढेबर मेरठ जेल में ही रहेंगे।
Fake hologram case:
Fake hologram case: शुक्रवार को एसटीएफ की टीम उन्हें मेरठ लेकर पहुंची है। गुरुवार को टीम लखनऊ पहुंच गई थी। उन्हें लखनऊ में एसटीएफ के दफ्तर में ही रखा गया था। इन सबमें हैरानी की बात ये है कि पूछताछ जरूरी बता रही यूपी पुलिस ने अनवर ढेबर की पुलिस रिमांड नहीं मांगी। सीधे जुडिशल रिमांड मांगकर जेल भेज दिया गया।
यह है नकली होलोग्राम केस :
जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में ईडी के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। तीन मई को यूपी एसटीएफ ने नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधू गुप्ता को नोएडा से गिरफ्तार किया था। जिसने पूछताछ में कई नाम सामने आए। आरोपित विधू गुप्ता ने अनवर और अरुणपति का नाम लिया। एफआइआर के अनुसार नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रालि नाम की कंपनी को एक टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया था। कंपनी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी, लेकिन कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से उसे पात्र बनाया गया।
Fake hologram case: यह काम छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा ने निविदा शर्तों को संशोधित कर किया। इसके बाद प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को अवैध रूप से निविदा आवंटित की। बदले में कंपनी के मालिक को विधू गुप्ता से प्रति होलोग्राम आठ पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतलें बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।